Showing posts with label जाईका परियोजना से किसानों को दिए जा चुके हैं 99 लाख के कृषि यंत्र. Show all posts
Showing posts with label जाईका परियोजना से किसानों को दिए जा चुके हैं 99 लाख के कृषि यंत्र. Show all posts

Wednesday, September 16

कृषि यंत्रों से किसानों की राह हुई आसान, जाईका परियोजना से किसानों को दिए जा चुके हैं 99 लाख के कृषि यंत्र


हमीरपुर 16 सितंबर(3आईन्यूज़)हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला में  खेती मजदूरों और अन्य संसाधनों की कमी के कारण खेती-बाड़ी छोड़ रहे किसानों के लिए जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाईका) समर्थित प्रदेश फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना बहुत बड़ी सौगात लेकर आई है। इस परियोजना के माध्यम से कृषि यंत्रीकरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है तथा किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

   परियोजना के निदेशक डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि हमीरपुर जिला कि सभी 32 उप परियोजनायों में गठित कृषक विकास संघों के माध्यम से 3-3 लाख रुपये की मशीनरी उपलब्ध करवाई गई है। इन पर 99 लाख रुपए खर्च हुए हैं। ये कृषि यंत्र कृषक विकास संघों के माध्यम से किसानों को कस्टम हायरिंग पर दिए जाते हैं। संबंधित कृषक विकास संघ इसकी एवज में लाभार्थी किसान से एक निर्धारित राशि वसूल करता है, जिसे मशीनरी के रख-रखाव एवं संचालन पर खर्च किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि जाईका के अंतर्गत उठाऊ सिंचाई परियोजनाओं गुहल और रह्जोल में भी किसानों को भी उनकी आवश्यकता अनुसार ट्रेक्टर व अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए गए हैं। गुहल और रह्जोल के कृषक विकास संघ न केवल क्षेत्र के किसानों को सस्ती दरों पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवा रहे हैं, बल्कि अच्छी आमदन अर्जित करके आत्मनिर्भरता की ओर भी बढ़ रहे हैं। कृषक विकास संघ गुहल व रह्जोल ने इन यंत्रों एवं मशीनों से क्रमश: 3,46,816 और 2,45,700 रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।

 कृषक विकास संघ गुहल ने इसी आमदनी से गेहूं के थ्रैशर और अन्य कृषि यंत्रों को रखने के लिए एक सामुदायिक शैड का निर्माण भी किया है। परियोजना निदेशक ने बताया कि गुहल और रह्जोल के सभी किसान जाईका परियोजना से मिली मशीनरी का भरपूर लाभ ले रहे हैं तथा विभिन्न फसलों की बिजाई में उनका खर्चा अब काफी कम हो गया है। उन्होंने  बताया कि जाईका के तहत कृषक विकास संघों को प्रदान की गई मशीनें किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो रही हैं तथा इन्हें चलाना भी बहुत आसान है। कई महिला किसान भी इन मशीनों को चला रही हैं। गांव में ही ट्रैक्टर व अन्य मशीनों उपलब्ध होने पर किसान साल में कई फसलों की बिजाई करने में सक्षम हुए हैं। इससे फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिल रहा है।