शिमला , 04जुलाई (3आईन्यूज) हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शनिवार को सोलन जिले के कसौली स्थित केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) के अपने पहले दौरे के अवसर पर कहा कि इस संस्थान ने कोरोना महामारी के दौरान अच्छा काम किया है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि कोविड-19 एंटीसीरम का परीक्षण दूसरे चरण में है।
राज्यपाल ने और अधिक शोध कार्य करने पर जोर देते हुए कहा कि सरकारें अनुसंधान कार्यों पर अधिक खर्च कर रही हैं और अनुसंधान परियोजनाओं के लिए अधिक बजट प्रदान किया जा रहा है। भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीच्यूट जैसे संस्थानों को कोविड वैक्सीन तैयार करने का श्रेय दिया गया है जिससे देश का मान बढ़ा है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि सीआरआई एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है जिसका 116 वर्षों से अधिक लंबा इतिहास है और संस्थान ने महामारी और सूक्ष्म जीव विज्ञान से संबंधित वैक्सीन पर अनुसंधान के लिए अद्वितीय कार्य किया है। यह संस्थान सरकार के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम विशेष रूप से डीपीटी और टीटी टीकों के आपूर्तिकर्ताओं में एक है। यह संस्थान सांप के काटने, रेबीज और डिप्थीरिया के लिए विभिन्न जीवनरक्षक उपचारों के निर्माण और आपूर्ति में भी शामिल है। उन्होंने कहा कि शोध कार्य बहुत महत्वपूर्ण है और इसे प्रयोगशाला से बाहर तक पहुंचना चाहिए।
उन्होंने सीआरआई के सीजीएमपी में डीपीटी वैक्सीन उत्पादन इकाई का दौरा भी किया।
इससे पूर्व कसौली पहुंचने पर सोलन जिले की उपायुक्त कृतिका कुल्हारी और पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने राज्यपाल का स्वागत किया।
बाद में राज्यपाल ने सुबाथू में 14वें गोरखा प्रशिक्षण केंद्र का भी दौरा किया जहां कमांडेंट एस.एस. संधू ने उनका स्वागत किया। उन्होंने संग्रहालय और कैनेडी हाॅल का दौरा किया और गोरखा रेजीमेंट के वीरतापूर्ण इतिहास में गहरी रुचि दिखाई।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह रेजीमेंट भारतीय सेना की सबसे व्यापक रूप से यात्रा करने वाली रेजीमेंट में से एक जिसका वीरता का एक लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि रेजीमेंट के कई वीर जवानों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
No comments:
Post a Comment