Sunday, June 13

शक्ति एस चन्देल ने मुख्यमंत्री को पत्रिका भेंट की

  शिमला ,13 जून (3आई न्यूज़ )हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर  को आज प्रसिद्ध लेखक शक्ति एस चन्देल ने त्रैमासिक पत्रिका पोर्टरेट इण्डिया का नवीन अंक भेंट  किया।

 श्री ठाकुर ने प्रदेश के राज्यत्व की स्वर्ण जयंती पर आधारित पत्रिका के अंक के प्रकाशन के लिए शक्ति एस चन्देल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका पाठकों को प्रदेश के शानदार 50 वर्ष की यात्रा को जानने में सहायक सिद्ध होगी।

 अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. शर्मा और निदेशक सूचना एवं एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।   

 

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जय राम ठाकुर ने किया सुनील सदन का भूमि पूजन


शिमला ,13 जून (3आई न्यूज़ )हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां निदेशालय परिवहन भवन के निकट सुनील उपाध्याय शैक्षणिक ट्रस्ट के सुनील सदन का भूमि पूजन किया।

    श्री ठाकुर ने इस अवसर पर हवन में भी भाग लिया। इस भवन का निर्माण प्रदेश में सुनील उपाध्याय शैक्षणिक ट्रस्ट की आयुष गतिविधियों को संचालित करने के लिए किया जा रहा है। भविष्य में इस कार्यालय के माध्यम से अनेक गतिविधियां चलाई जाएंगी। कार्यालय में एक वैलनेस सेंटर भी खोला जाएगा, जिसके माध्यम से योग प्रशिक्षण, शारीरिक व्यायाम आदि गतिविधियां चलाई जाएंगी।


Saturday, June 12

बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन में अपना 74वां जन्मदिन मनाया।

 शिमला , 12 जून(3 आई न्यूज़ ) हिमाचल प्रदेश के राजयपाल  बंडारू दत्तात्रेय को  राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें फोन पर बधाई दी और उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की।

    प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने राजभवन में उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री ने उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करते हुए कहा कि उनका मार्गदर्शन राज्य सरकार को मिलता रहेगा।

केंद्रीय मंत्रियों और विभिन्न राज्यों के राज्यपालों ने भी उन्हें बधाई दी।

इससे पहले राज्यपाल ने अपने जन्मदिन पर यज्ञ किया।


 

हरियाणा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ कोरोना प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए मनाया जाएगा:विज

  
 चंडीगढ़ , 12 जून(3 आई न्यूज़ ) हरियाणा  आयुष मंत्री अनिल विज ने कहा कि आगामी 21 जून को ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ राज्य में कोरोना प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए मनाया जाएगा और इस बार ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ कार्यक्रम प्रदेश के प्रत्येक जिला में 50 चिन्हित स्थानों पर आयोजित किया जाएगा अर्थात राज्य में 1100 चिन्हित स्थानों पर यह कार्यक्रम प्रात: 7 बजे से आयोजित किया जाएगा।

   श्री विज ने कल  यहां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के संबंध में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला में इस कार्यक्रम को आयोजित करवाने के लिए संबंधित जिला उपायुक्त को नोडल अधिकारी के रूप में मनोनीत किया जाएगा ताकि सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को शामिल करते हुए यह कार्यक्रम किया जा सके।

खेत खलिहान से होती है मुख्यमंत्री की सुबह की शुरुआत

  

 चंडीगढ़ , 12 जून(3 आई न्यूज़ ) हरियाणा  के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को खेती -किसानी से बेहद लगाव है। उनके दिन की शुरुआत खेत खलिहान से ही होती है। खेती के प्रति उनके लगाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे न केवल खेत में सब्जियों की देखरेख करते हैं, बल्कि अपनी रसोई में पकाने के लिए  सब्जियां भी तोड़ कर लाते हैं।   
   चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में इन दिनों ऑर्गेनिक सब्जियों की खूब पैदावार हो रही है। इनमें खीरा, टमाटर, भिंडी, घीया, तोरई और करेले जैसी सब्जियां बिना किसी खाद और कीटनाशक का प्रयोग किये उगाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री सुबह की शुरुआत इनकी देखरेख के साथ करते हैं, बल्कि जरूरत पडऩे पर निराई-गुड़ाई का काम भी स्वयं कर लेते हैं।
   गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल किसान के बेटे हैं और रोहतक जिले के बनियानी गांव में उनकी पुश्तैनी जमीन है, जहां वे खुद भी खेती करते रहें हैं। उन्होंने कालेज की पढाई के दौरान खूब खेती की है और फसल बेचने के लिए मण्डी में स्वयं जाते रहे हैं।  

 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सैकेण्डरी (नियमित/कम्पार्टमैंट) परीक्षा मार्च-2021 का परिणाम घोषित 

चंडीगढ़ , 12 जून(3 आई न्यूज़ )- हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा सैकेण्डरी (नियमित/कम्पार्टमैंट) परीक्षा मार्च-2021 का परिणाम कल घोषित किया है। इस परीक्षा का परिणाम शत-प्रतिशत रहा है। परिणाम बोर्ड की अधिकारिक वैबसाईट www.bseh.org.in पर देखा जा सकता है।

   ये जानकारी देते हुए बोर्ड अध्यक्ष प्रो०(डॉ.) जगबीर सिंह ने बताया कि यह परीक्षा अप्रैल माह में आयोजित होनी थी, लेकिन कोविड 19 कोरोना के कारण  परीक्षाएं रद्द कर दी गई थी।उन्होंने आगे बताया कि सैकेण्डरी (नियमित) परीक्षार्थियों का परिणाम विद्यालयों द्वारा भेजे गए आंतरिक मूल्यांकन अंक एवं प्रायोगिक परीक्षा के अंकों को आधार मानकर अंक अनुपातिक तौर पर लगाते हुए तथा कम्पार्टमैंट परीक्षार्थियों का परिणाम परीक्षार्थी द्वारा प्राप्त अन्य उत्तीर्ण विषयों के अंको का औसत निकालते हुए कम्पार्टमैंट के अंक मानकर घोषित किया गया है।

उन्होंने बताया कि सैकेण्डरी (नियमित) परीक्षा के 3,13,345 परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित किया गया है, जिसमें 1,72,059 छात्र एवं 1,41,286 छात्राएं शामिल हैं। कम्पार्टमैंट परीक्षा के 11,278 परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित किया गया है, जिसमें 5,884 छात्र एवं 5,394 छात्राएं शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस परीक्षा परिणाम में राजकीय विद्यालयों तथा प्राईवेट विद्यालयों की पास प्रतिशतता शत-प्रतिशत रही है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों व शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों की पास प्रतिशतता भी शत-प्रतिशत रही है।

उन्होंने बताया कि सैकेण्डरी वार्षिक परीक्षा मार्च-2021 के लिए जिन परीक्षार्थियों द्वारा आंशिक विषय अंक सुधार/पूर्ण विषय अंक सुधार एवं अतिरिक्त विषय के लिए आवेदन किया गया था, ऐसे परीक्षार्थियों को बोर्ड की जब भी आगामी परीक्षा आयोजित करवाई जाएगी उस परीक्षा में उन्हें उसी आवेदन के आधार पर बिना शुल्क के प्रविष्ठ होने की अनुमति प्रदान की जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि यदि कोई परीक्षार्थी घोषित हुए परिणाम से संतुष्ट नहीं है तो वह बोर्ड की आगामी परीक्षा में श्रेणी सुधार की परीक्षा में प्रविष्ठ हो सकता है।

10 मातृ एवं शिशु अस्पतालों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए: जय राम ठाकुर

 

 

शिमला , 12 जून (3आई न्यूज़ )हिमाचल प्रदेश के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत सभी 10 मातृ एवं शिशु अस्पतालों (एमसीएच) का निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर पूर्ण किया जाना चाहिए ताकि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों।

      मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कल यहां स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सौभाग्यशाली है कि छोटा राज्य होने के बावजूद प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में छः चिकित्सा महाविद्यालय तथा एक एम्स कार्यशील है।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केन्द्र सरकार की विशेष उदारता के कारण ही यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री तथा वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने प्रदेश के लिए 10 मातृ एवं शिशु अस्पताल स्वीकृत किए थे। उन्होंने कहा कि इन सभी अस्पतालों के कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए ताकि इन्हें शीघ्र पूरा किया जा सके।

   उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी में 27 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तर क्षमता वाला एमसीएच विंग बनाया जा रहा है, जो आगामी दो माह के भीतर पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में 20 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तर क्षमता वाला एमसीएच विंग तथा डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में एमसीएच विंग इस वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को नागरिक अस्पताल नूरपुर, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर,  क्षेत्रीय अस्पताल सोलन तथा डाॅ. यशवन्त सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में एमसीएच विंग का कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।

    उन्होंने कहा कि 319.53 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चम्बा के निर्माण कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए ताकि यह कार्य 31 अगस्त, 2022 तक पूर्ण किया जा सके। उन्होंने कहा कि डाॅ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर के निर्माण कार्य में भी तेजी लाई जानी चाहिए, जिसके लिए 355 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने इस चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण कार्य में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डाॅ. यशवन्त सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन से संबंधित वन स्वीकृतियां जैसे मुद्दांे को शीघ्र ही निपटाया जाना चाहिए, ताकि 260 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले इस महाविद्यालय का कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर पूरा किया जा सके।

 


Friday, June 11

हल्के कोविड-19 लक्षणों वाले बच्चों का उपचार होम आइसोलेशन में किया जाए

शिमला ,11जून (3आई न्यूज़ ) कोविड-19 आम लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, अस्वस्थता और कमजोरी शामिल हैं। उन्हें दस्त, उल्टी, भूख न लगना और स्वाद न आना भी हो सकती है। हालांकि हल्के लक्षणों वाले मामलों में सांस की तकलीफ नहीं होती।

     यह जानकारी देते हुए आज यहाँ स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि 10 जून, 2021 तक राज्य में 197438 लोग कोरोना महामारी से प्रभावित हुए है जिनमें से अधिकतर मामले 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के है। उन्होंने कहा कि संभावित तीसरी लहर के आने से बच्चे अधिक प्रभावित हो सकते है जिसके दृष्टिगत राज्य सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।

   उन्होंने कहा कि बच्चों में पाए जाने वाले  उन्होंने कहा कि मध्यम व गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई, आॅक्सीजन के स्तर का 94 प्रतिशत से कम होना भी शामिल है। प्रवक्ता ने कहा कि 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए 6 मिनट वाॅक टेस्ट माता-पिता व अभिभावकों की देखरेख में हाइपोक्सिक लक्षणों को उजागर करने के लिए किया जाना चाहिए।

   प्रवक्ता ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों में कोविड के मामलों के नैदानिक प्रबंधन के लिए केाविड के सभी मामलों को 4 श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के उपचार में रेमडेसिविर दवा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसका उपयोग केवल  आपातकालीन स्थिति में ही प्राधिकृत अधिकारी की स्वीकृति के बाद ही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्टेराॅयड का उपयोग नहीं बताया गया है और कोविड-19 के हल्के लक्षणों व बिना लक्षणों वाले मामलों में हानिकारक हैं। इस आयु वर्ग में स्टेराॅयड का उपयोग मध्यम व गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मामलों में सही समय पर, उचित खुराक में और सही अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर ही किया जाना चाहिए।

 उन्होंने कहा कि बिना लक्षणों वाले संदिग्ध मामलों और गले में खराश, नाक बहने और कोविड-19 के हल्के लक्षणों वाले व अन्य मामले जिनमें सांस लेने में कठिनाई न हो, की होम आइसोलेशन में देखभाल की जानी चाहिए। ऐसे बच्चों के लिए आवश्यकता होने पर टेली-परामर्श सेवाओं का उपयोग किया जाना चाहिए। ऐसे बच्चों को हाइड्रेशन और पौष्टिक आहार के रूप में खाने के लिए तरल पदार्थ दिए जाने चाहिए। परिवार में बच्चों और व्यस्कों को कोविड अनुरूप व्यवहार का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड प्रभावित बच्चों से परिवार के सदस्यों को फोन, वीडियो काॅल आदि के माध्यम से सकारात्मक बातचीत करनी चाहिए। मध्यम व गंभीर लक्षणों वाले बच्चों को तुरंत अस्पताल में स्थानांतरित करना चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देशों के अनुसार 5 साल तक के बच्चों को मास्क नहीं पहनना चाहिए। 6 से 11 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चे माता-पिता, अभिभावकों की देखरेख में मास्क पहन सकते हैं। 12 साल व इससे अधिक उम्र के बच्चों को व्यस्कों की तरह ही मास्क पहनना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया है कि माता-पिता व अभिभावक यह सुनिश्चित करें कि उनका बच्चा हाथों को स्वच्छ रखे और मास्क को हाथ लगाते समय हाथ नियमित रूप से साबुन और पानी या हैंड सैनिटाइजर से साफ करता रहे।

 

कोविड-19 पाॅजिटिव बच्चों के माता-पिता ब्लैक फंगस के लक्षणों से रहे सतर्क

  कोविड-19 पाॅजिटिव बच्चों के माता-पिता ब्लैक फंगस के लक्षणों से रहे सतर्क

शिमला ,11जून (3आई न्यूज़ )कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चे प्रभावित हो सकते है। 

   यह जानकारी देते हुए आज यहाँ स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि  इस आयु वर्ग में कोविड-19 मामलों में वृद्धि से ब्लैक फंगस के मामले भी पाए जा सकते है, जिसके दृष्टिगत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय भारत सरकार द्वारा बच्चों में ब्लैक फंगस के प्रबंधन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बच्चे राइनो-सेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस या गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल म्यूकोर्मिकोसिस से पीड़ित हो सकते है।

    राइनो-सेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस के लक्षणों में चेहरे का दर्द, साइनस का दर्द, पेरिआॅर्बिटल सूजन, पेरेस्थेसिया, आधे चेहरे पर सनसनी में कमी, दांतों का ढीला होना, दांतों और मसूड़ों में दर्द, तालु का पीला होना, सांस संबंधी समस्याएं, सीने में दर्द, सिरदर्द, चेतना में परिवर्तन और दौरा पड़ना आदि शमिल है।

    उन्होंने कहा कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल म्यूकोर्मिकोसिस के लक्षणों में पेट की खराबी, बच्चे में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव, लीवर की शिथिलता या अन्य कारणों के अभाव में सीरम लैक्टेट का लगातार बढ़ना।

    उन्होंने कहा कि म्यूकोर्मिकोसिस का प्रबंधन शीघ्र होना चाहिए, इसलिए यदि माता-पिता या अभिभावक को उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो बच्चे को तुरंत अस्पताल लाया जाना चाहिए।

प्रदेश भर में लागू की गई शगुन योजनाः सरवीण चौधरी

   प्रदेश भर में लागू की गई शगुन योजनाः सरवीण चौधरी 


 शिमला ,11जून (3आई न्यूज़ )हिमाचल प्रदेश की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी   ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा महत्वकांक्षी योजना ‘शगुन’ पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है। इस योजना के अन्तर्गत विवाह अनुदान के रूप में 31000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस संबंध में आज यहां अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार यह योजना प्रदेश भर में प्रथम अप्रैल, 2021 से लागू मानी जाएगी।

     शगुन योजना के तहत बीपीएल परिवार से संबंधित ऐसे माता-पिता या संरक्षक अथवा स्वयं लड़की यदि उसके माता-पिता जीवित नहीं हैं या लापता हैं, को शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत लड़की की आयु 18 वर्ष से अधिक और वह हिमाचल प्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए। यदि लड़की का विवाह ऐसे लड़के से होता है, जो हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी नहीं है तब भी वह विवाह अनुदान के लिए पात्र होगी।

    योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए लड़की के माता-पिता या अभिभावकों द्वारा या बेसहारा होने की स्थिति में लड़की द्वारा स्वयं संबंधित बाल परियोजना अधिकारी, प्रभारी नारी सेवा सदन अथवा बालिका आश्रम के अधीक्षक को निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना होगा। ये अधिकारी आवेदन का सत्यापन करेंगे। संबंधित जिला के कार्यक्रम अधिकारी विवाह अनुदान स्वीकृत करने के लिए सक्षम अधिकारी होंगे।

    शगुन योजना के तहत यह प्रावधान किया गया है कि शादी की प्रस्तावित तारीख से दो महीने पहले राशि का भुगतान किया जा सकता है। यदि विवाह पहले ही हो चुका है तो विवाह के छः महीने के भीतर भी आवेदक अनुदान राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि आवेदक शादी के छः माह के बाद आवेदन करता है तो आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अनुदान राशि संबंधित आवेदक के बैंक खाते में स्थानान्तरित की जाएगी।

 

 5जी और कोरोना महामारी के बीच कोई संबंध नहीं


 शिमला ,11जून (3आई न्यूज़ )5जी तकनीक को कोविड-19 महामारी से जोड़ने वाले दावे झूठे हैं और इनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण या तथ्य नहीं है, जिससे यह पता चलता हो कि 5जी और कोरोना महामारी के बीच कोई संबंध है और इसका कोई हानिकारक प्रभाव है।

    यह जानकारी देते हुए आज यहाँ सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि भारत में अभी कहीं भी 5जी नेटवर्क की टेस्टिंग शुरू नहीं हुई है। इसलिए, भारत में 5जी टेस्टिंग या नेटवर्क के कारण कोरोना वायरस होने के दावों का कोई आधार नहीं है।

हिमाचल टीकाकरण

हिमाचल  में 18-44 आयु वर्ग का 14 और 17 जून को होगा टीकाकरण


शिमला ,11 जून(3आईन्यूज़)हिमाचल प्रदेश में 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण की तिथि निर्धारित की गई है। 

    स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कल यहां बताया कि राज्य में  कोविड-19 के लिए 14 और 17 जून, 2021 को इस आयु वर्ग का टीकाकरण किया जाएगा।

 उन्होंने बताया कि वैक्सिनेशन सत्र की जानकारी टीकाकरण तिथि से दो दिन पूर्व दोपहर 2ः30 से 3ः00 बजे तक कोविन पोर्टल पर प्रदर्शित की जाएगी। 14 जून, 2021 को आयोजित होने वाले टीकाकरण के लिए 12 जून, 2021 और 17 जून, 2021 को आयोजित होने वाल टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल पर 15 जून, 2021 को जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।

 प्रवक्ता ने बताया कि पूरे राज्य में 14 जून, 2021 के लिए 266 टीकाकरण सत्र जबकि 17 जून, 2021 के लिए 261 टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे। विशेषकर 17 जून, 2021 को आयोजित होने वाला सत्र निर्धारित कोविड टीकाकरण केन्द्रों में वैक्सीन समाप्त हाने तक जारी रहेगा।

 उन्होंने 18-44 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के इच्छुक लोगों (प्राथमिकता समूह के अतिरिक्त) से कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु ऐप पर पंजीकरण के उपरान्त आॅनलाइन अप्वांइटमेंट बुक करवाने का आग्रह किया।

Thursday, June 10

निजी कोविड टीकाकरण केन्द्रों के लिए वैक्सीन के मूल्य निर्धारित


शिमला ,10 जून(3आईन्यूज़)हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया के राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के क्रियान्वन के लिए 8 जून, 2021 को जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन निर्माताओं द्वारा मूल्य अग्रिम में ही निर्धारित कर दिए गए है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के परिवर्तन को पूर्व में ही अधिसूचित किया जाएगा।  

प्रवक्ता ने बताया कि निजी अस्पताल बतौर सेवा शुल्क अधिकतम 150 रुपये प्रति खुराक ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि निर्माताओं द्वारा वर्तमान में निजी अस्पतालों के लिए कोविशील्ड का अधिकतम मूल्य 780 रुपये, कोवैक्सीन का 1410 रुपये और स्पूतनिक वी का 1145 रुपये प्रति खुराक निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न निजी टीकाकरण केन्द्र अधिकतम मूल्य से अधिक शुल्क वसूल न कर सकें, इसके लिए कोविन पोर्टल आवश्यक प्रमाणीकरण सुनिश्चित कर रहा है। राज्य सरकार निजी टीकाकरण केन्द्रों द्वारा लोगों से लिए जाने वाले मूल्यों की  निरन्तर निगरानी करेगी और दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।