बजट प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास पर केन्द्रित: जय राम ठाकुर
शिमला ,07मार्च (3आईन्यूज़ ) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यहां पीटरहॉफ में बजट 2022-23 पर आयोजित वर्चुअल जन संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह बजट प्रदेश के समग्र एवं समावेशी विकास पर केन्द्रित है और इसमें प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही योजनाओं में आवश्यकता आधारित सुधार तथा अनेक योजनाओं के आकार में वृद्धि को भी ध्यान में रखा गया है।
श्री ठाकुर ने कहा कि यह पहला मौका है जब प्रदेश का वार्षिक बजट प्रस्तुत करने के उपरान्त कोई मुख्यमंत्री आम जनता से सीधे तौर पर रू-ब-रू हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य निर्धन तथा जरूरतमंद वर्गों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान सुनिश्चित करना रहा है। प्रदेश सरकार की सभी योजनाएं, नीतियां तथा कार्यक्रम समाज की अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के उत्थान को समर्पित रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार का सबसे पहला निर्णय वृद्धजनों के कल्याण तथा अन्य निर्णय निराश्रित पशुओं को उचित आश्रय सुनिश्चित करवाने के लिए लक्षित था। उन्होंने कहा कि गौ अभ्यारण्यों तथा गौ-सदनों में प्रत्येक पशु के लिए 500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे थे जिसे वर्ष 2022-23 के बजट मेें बढ़ाकर 700 रुपये प्रतिमाह प्रति पशु किया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार का दो वर्षो से अधिक का कार्यकाल कोरोना महामारी से प्रभावित रहा है। उन्होंने कहा कि सभी चुनौतियों के बावजूद प्रदेश ने राज्य के लोगों तथा केन्द्र सरकार के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इस महामारी से निपटने में सफलता प्राप्त की है।उन्होंने कहा कि उन्होंने इस माह की चार तारीख को 51,365 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया है जिसका उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग तथा राज्य के प्रत्येक क्षेत्र का विकास करना है।
श्री ठाकुर ने कहा कि इस बार वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा 60 वर्ष करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों को 800 से बढ़ाकर अब 1000 रुपये प्रतिमाह, जिनकी 1000 रुपये प्रतिमाह थी उन्हें 1500 और 1500 रुपये प्रतिमाह प्राप्त कर रहे पेंशनरों को 1700 रुपये प्रतिमाह दिए जायेंगे । उन्होंने कहा कि 60 से 65 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं भी बिना किसी आय सीमा केे वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र होंगी।
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह 9000 रुपये, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 6000 रुपये, आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 4600 रुपये, आशा कार्यकर्ताओं को 4700 रुपये, सिलाई अध्यापिकाओं को 7850 रुपये, मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को 3400 रुपये, जलवाहक (शिक्षा विभाग) को 3800 रुपये, जल रक्षक को 4400 रुपये, जल शक्ति विभाग के बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं को 3800 रुपये तथा पैराफिटर व पम्प ऑपरेटरों को 5400 रुपये मानदेय प्रदान किया जाएगा।
इसके साथ ही दिहाड़ी को 350 रुपये प्रतिदिन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आउटसोर्स कर्मचारी को भी न्यूनतम 10,500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त शहरी स्थानीय निकायों तथा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है।
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