शिमला ,09मार्च ( 3आईन्यूज़ )हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि प्रदेश के मेले एवं त्यौहार अपने में अनूठे होेते हैं और यह राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए हैं।
राज्य्पाल ने कल मण्डी में आयोजित सात दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के समापन समारोह के अवसर पर
कहा कि इस महोत्सव की बहुमूल्य परम्पराओं को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष भर उत्सव एवं त्यौहार पूरे उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। यह उत्सव हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं और इन आयोजनों से हमारे मन में कभी भी नकारात्मकता का प्रवेश नहीं हो पाता। यहां के लोगों की देवी-देवताओं में अटूट आस्था के कारण ही इस देवभूमि की महता और भी बढ़ जाती है।
श्री आर्लेकर ने कहा कि संस्कृति और इसकी विरासत हमारी राष्ट्रीय पहचान को परिभाषित करने के साथ ही हमारे मूल्यों, आस्था और आकांक्षाओं को प्रर्दशित एवं आकार भी प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि मेले और त्यौहार लोगों में नव उर्जा का संचार करते हैं और हमें इनमें सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने राजदेव माधोराय के मन्दिर में पूजा-अर्चना की और इस अवसर पर आयोजित जलेब में शामिल हुए। उन्होंने सामूहिक भोज में भी भाग लिया।
अन्तरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने राज्यपाल का स्वागत एवं सम्मान किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पहली बार मेले में सात सांस्कृतिक संध्याएं आयोजित की गई हैं और मेले में 200 पंजीकृत देवता शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि बजंतरियों के अनुदान एवं उनके राशन अनुदान तथा नजराना राशि में इस वर्ष आशातीत बढ़ोतरी की गई है। इसके अतिरिक्त खेल प्रतियोगिताओं की पुरस्कार राशि भी बढ़ाई गई है।
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