शिमला ,29 सितम्बर(3आईन्यूज़ ) मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर को आज शिमला में सिरमौर जिले के राजगढ़ के दीपक धीर ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 51,000 रुपये का चेक प्रदान किया ।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए दीपक धीर का धन्यवाद किया ।
Tuesday, September 29
दीपक धीर ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए 51,000 रुपये
ऊना में 150 कुत्तों को लगाए एंटी रेबीज टीके
ऊना ,29 सितम्बर(3आईन्यूज़ ) विश्व रेबीज दिवस के उपलक्ष्य पर पशु पालन विभाग ने जिला में 150 कुत्तों को एंटी रेबीज टीके लगाए। इस संबंध में जानकारी देते हुए उप-निदेशक पशु पालन विभाग डॉ. जय सिंह सेन ने कहा कि 92 आवारा कुत्तों तथा 58 पालतू कुत्तों को रेबीज के इंजेक्शन लगाए गए हैं। डॉ. सेन ने कहा कि विश्व रेबीज दिवस तीनों उपमंडलीय चिकित्सालयों ऊना, बंगाणा व अंब में मनाया गया। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है। फ्रांस के प्रसिद्ध रसायनिक और सूक्ष्म जीवविज्ञानी लुई पाश्चर की पुण्यतिथि के अवसर पर विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है, जिन्होंने रेबीज का टीका बनाया था। डॉ. सेन ने कहा कि रेबीज से संक्रमित जानवर के काटने पर ईलाज में देरी जानलेवा हो सकती है। इसलिए पीड़ित को तुरंत चिकित्सीय सहायता देना आवश्यक रहता है और उसे जल्द से जल्द ईलाज मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि टोटकों के चक्कर में न पड़े और समय पर उपचार करवाएं।
हरियाणा में आज कोरोना से 25 मरे, 1562 , नए मामले
चंडीगढ़ 29 सितम्बर(3आईन्यूज़ ) हरियाणा में आज कोरोना से संक्रमित 25 लोगों की मौत हो गयी ,जिसमें यमुनानगर ,हिसार और रोहतक से क्रमश 3 -3 , सिरसा, कुरुक्षेत्र ,भिवानी , पानीपत से क्रमश से 2 -2 , फरीदाबाद ,गुरुग्राम ,रिवारी , अम्बाला ,पलवल ,नूह ,फतेहबाद और पंचकुला से क्रमश एक -एक शामिल हैं ।
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अनुसार आज कोरोना से संक्रमित 1562 नए मामले आये हैं ,2403 ठीक हुए और 14804सक्रिय मामले है । प्रदेश में अब तक 126974 कोरोना संक्रमित पाए गए ,जिसमें से 110814 ठीक हुए अबकी 1356 लोगों की मौत हुयी है । राज्य के अस्पतालों में 293 मरीज़ ऑक्सीजन और 49 वेंटीलेटर पर हैं ।
किसान यूनियनों को दिया भरोसा ,किसानों की पूर्ण हिमायत करेगी प्रदेश सरकार ,अमरिंदर
मुख्यमंत्री ने 31 किसान जत्थेबंदियों के नुमायंदों के साथ इस मुद्दे पर उनके विचार जानने के लिए बुलाई गई मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वह आज अपनी कानूनी माहिरों की टीम के साथ इस मुद्दे को गंभीरता से विचारेंगे और आगे उठाए जाने वाले कदमों को अंतिम रूप देंगे, जिनमें इन कृषि कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना शामिल होगा। इस मौके पर किसानों के नुमायंदों के अलावा कुल हिंद कांग्रेस के जनरल सचिव और पंजाब मामलों संबंधी इंचार्ज हरीश रावत समेत कैबिनेट मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा, गुरप्रीत सिंह कांगड़, भारत भूषण आशु और विधायक राणा गुरजीत सिंह, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ और एडवोकेट जनरल अतुल नन्दा भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने किसान नेताओं को भरोसा देते हुए कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार द्वारा राज्य के संघीय और संवैधानिक अधिकारों पर किए गए हमलो का जवाब देने के लिए हर मुमकिन कदम उठाएंगे और किसानों के हितों के लिए लड़ेंगे।’’ उन्होंने आगे कहा कि यदि कानूनी माहिरों की यह सलाह होती है कि केंद्रीय कानूनों का मुकाबला करने के लिए प्रांतीय कानूनों में संशोधन किया जाए, तो ऐसा करने के लिए तुरंत ही विधान सभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि मौजूदा हालात में सबसे सही रास्ता यही है तो सरकार को विधान सभा सत्र बुलाने पर कोई ऐतराज़ नहीं है, परन्तु शिरोमणि अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा विधान सभा के विशेष सत्र की माँग को हलके स्तर की ड्रामेबाज़ी करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो महीनों तक अकालियों ने केंद्रीय कानूनों की खुलकर हिमायत की थी। उन्होंने प्रश्न के लहज़े में पूछा कि पिछले सत्र के दौरान अकाली कहाँ थे और क्यों सुखबीर ने सर्वदलीय मीटिंग में अन्य पक्षों की तरह हिमायत नहीं की।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकाली दल द्वारा अपने संकुचित राजनैतिक हितों की पूर्ति के लिए राज्य के किसानों के हित बड़े कॉर्पोरेट घरानों के आगे कुर्बान करने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अकाली विधायकों ने विधान सभा सत्र से दूरी बनाए रखने का फ़ैसला किया था, जिसके दौरान कृषि बिलों के खि़लाफ़ प्रस्ताव पास हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि यह साफ़ हो चुका है कि सुखबीर बादल के नेतृत्व में अकालियों ने हमेशा से ही कृषि अध्यादेशों की हिमायत की है और सिफऱ् तभी अपने कदम पिछे की तरफ़ खिंचे जब पंजाब में किसानों के भारी विरोध को देखते हुए अकाली बुरी तरह से फंस गए। उन्होंने सवाल किया कि यदि अकालियों को किसानों के हितों की इतनी ही चिंता थी तो हरसिमरत बादल ने उस समय केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफ़ा क्यों नहीं दिया जिस समय केंद्र सरकार ने कृषि अध्यादेश लाए गए थे।
मुख्यमंत्री ने और जानकारी दी कि यह लड़ाई कई मोर्चों पर लड़ी जाएगी और बीते दिनों कुल हिंद कांग्रेस के सचिव हरीश रावत द्वारा किए गए एलान के मुताबिक हस्ताक्षर मुहिम के अलावा राज्य की सभी पंचायतों को विनती की जाएगी कि कृषि कानूनों के खि़लाफ़ प्रस्ताव पास किए जाएँ, जिनको केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
\ यह ऐलान करते हुए कि उनकी सरकार और पंजाब कांग्रेस इस मुश्किल घड़ी में किसानों के साथ है, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह अगली कार्यवाही के लिए कानूनी माहिरों के साथ किसान जत्थेबंदियों द्वारा दिए गए सुझावों सम्बन्धी विचार करेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यह नए कानून लागू हो गए तो इसके साथ ही कृषि तबाह हो जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘आने वाले समय के दौरान भारत सरकार द्वारा इन काले कानूनों के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) और एफ.सी.आई. का ख़ात्मा किया जाएगा, जिससे पिछले काफ़ी समय से चली आ रही और लाभप्रद साबित हुई खऱीद और मंडीकरण प्रणाली का अंत हो जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि जो मंडियां बीते 60 वर्षों से होंद में हैं और अच्छा काम कर रही हैं, उनका ख़ात्मा हो जाएगा और एम.एस.पी. के अंत के साथ गेहूँ भी मक्का की तरह ही बिकेगी, भाव इसकी कीमतें एम.एस.पी. से काफ़ी कम होंगी।
कृषि को बचाने के लिए इन काले कानूनों के खि़लाफ़ लड़ाई लडऩे की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न सिफऱ् किसान बल्कि पूरा मुल्क तबाह हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने बिल के पास होने से पहले ही प्रधानमंत्री को तीन बार पत्र लिखकर उनसे अपील की कि इन बिलों पर आगे न बढ़ा जाए, क्योंकि इससे समूचे मुल्क में बहुत सी समस्याएँ पैदा होंगी, परन्तु प्रधानमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहाँ तक कि कोविड के कठिन समय के दौरान पराली जलाने को रोकने के लिए बोनस देने संबंधी उनकी विनती को नहीं सुना गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा अपने स्तर पर किसानों की रक्षा करने संबंधी भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ महीनों में केंद्र सरकार से जी.एस.टी. का मुआवज़ा भी प्राप्त नहीं हुआ है।
कृषि बिलों के विरुद्ध किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का वायदा करते हुए श्री जाखड़ ने कहा कि वह इसको राजनैतिक रंगत दिए जाने के बिना किसानों के रोष प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षता का पद छोडऩे के लिए भी तैयार हैं। हालाँकि, उन्होंने भरोसा ज़ाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री केंद्र सरकार द्वारा किसान भाईचारे पर किए गए हमले का मुकाबला करने के लिए पानी के मुद्दे पर लिए गए दिलेराना फ़ैसले की तरह इसका भी रास्ता ढूँढ लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (केंद्र) किसानों को कलम के साथ मारा है और हमें भी उनको कलम से मारने के लिए रास्ता ढूँढना होगा।’’ उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘कलम से मारा है, हम कलम से बचाएंगे।’’इससे पहले विभिन्न किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री को केंद्रीय एक्टों को कानूनी तौर पर चुनौती देने की अपील की और राज्य में अडानी के सायलोज़ का निर्माण रोकने समेत किसानों के हितों के लिए बनते कदम उठाने के लिए कहा। इन सभी नेताओं ने तबाह करने वाले कानूनों से किसानों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री में विश्वास प्रकट किया।
भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि यह नए कानून किसानों, आढ़तियों, कृषि मज़दूरों और मंडी मुलाजि़मों को तबाह करके रख देंगे और लाखों लोग रोजग़ार से वंचित हो जाएंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह कानून दो तरह की मंडियों की स्थापना के लिए रास्ता साफ करेगा, जहाँ एक मंडी टैक्स वाली और दूसरी मंडी प्राईवेट लोगों के लिए बिना टैक्स से होगी जो आखिऱ में सरकारी मंडियों को तबाह कर देगी और कॉर्पोरेट का एकाधिकार और किसानों का शोषण शुरू हो जाएगा। उन्होंने पंजाब और यहाँ के किसानों की रक्षा के लिए विधान सभा के विशेष सत्र के द्वारा प्रांतीय कानून पास करने के हक की बात की।
भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मुख्यमंत्री को केंद्रीय कानूनों का मुकाबला करने के लिए एक कानून पास करने के लिए विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने की अपील की, जबकि क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब के प्रमुख डॉ. दर्शन पाल ने मुख्यमंत्री से अपील की कि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान सोनियां गांधी के निर्देशों की रेखा पर कानून माहिरों के साथ विचार-विमर्श किया जाए, जिससे राज्य नया कानून बना सके।
भारतीय किसान यूनियन एकता के बूटा सिंह और झंडा सिंह ने कहा कि यह लड़ाई केंद्र सरकार के तबाह करने वाले बिलों से किसानों और राज्य को बचाने की लड़ाई है, क्योंकि केंद्र सरकार का एकमात्र मकसद प्राईवेट कॉर्पोरेटों की मदद करना है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कृषि तबाह हो गई तो पूरा मुल्क ही तबाह हो जाएगा।
पंजाब पुलिस ने लुटेरा गिरोह के 6 बदमाशों को किया गिरफ्तार
चंडीगढ़ 29 सितम्बर(3आईन्यूज़ ) पंजाब पुलिस ने मोगा में हथियारबंद लुटेरों के एक ख़तरनाक गिरोह का पर्दाफाश कर 6 सदस्यों को गिरफ़्तार कर चोरी की कार और मोटरसाईकल के अलावा 2 देसी पिस्तौल .315 बोर और .32 बोर बरामद किये हैं।
पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने बताया कि इस गिरोह ने पिछले समय के दौरान मालवा क्षेत्र के जिलों में बड़ी संख्या में हथियारबंद लूटें और डकैतियां की थीं। जांच जारी थी और पुलिस गिरोह के बाकी सदस्यों को गिरफ़्तार करने के यत्न कर रही थी।
उन्होंने बताया कि मोगा पुलिस की तरफ से इस गिरोह के गिरफ़्तार किये 6 मुलजिमों में कुलविन्दर सिंह उर्फ किन्दा निवासी गाँव दाता, गुरजीवन सिंह उर्फ जुगनू वासी गाँव सिंघावाला, धर्मकोट का अकाशदीप सिंह उर्फ मनी, सलीम ख़ान उर्फ सईमू, कृष्ण बांसल उर्फ गगना और मनवीर सिंह उर्फ मनी (सभी निवासी मोड़ मंडी) शामिल हैं। पुलिस की तरफ से दोषियों के खि़लाफ़ आई.पी.सी. की धारा 399, 402 और हथियार एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत एफआईआर नं. 160 पुलिस थाना मोगा में दर्ज की गई है।
श्री गुप्ता ने बताया कि मुलजिमों के पास से एक रिटज़ कार (पी.बी. -10 -ई.ए.-4789) जो उन्होंने कुलवंत सिंह नामक व्यक्ति से पुलिस थाना दाखा के अधीन पड़ते इलाके से छीनी थी और इसके साथ ही बिना नंबर प्लेट के चोरी किया हुआ बजाज पलसर मोटरसाईकल भी बरामद हुआ है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान गिरोह के सदस्यों ने कबूल किया है कि उन्होंने पुरानी अनाज मंडी, मोगा के क्षेत्र में एक हथियारबंद लूट की कोशिश की थी और एक चावल व्यापारी के एजेंट राजेश कुमार को जख़़्मी कर दिया था। पीडि़त व्यक्ति के पेट में गोली लगी थी। इसके बाद पुलिस ने गाँव समालसर के इलाके से एक लावारिस क्षतिग्रस्त सफ़ेद रंग की स्कॉर्पियो (रजिस्ट्रेशन नंबर पीबी -10 एन-2859) भी बरामद की। वाहन की तलाशी लेने पर कार के अंदर से एक देसी .315 बोर की पिस्तौल बरामदहुई थी। यह वाहन इस गिरोह के मैंबर गाँव मेहना के स्वर्णजीत सिंह का था। उस दिन, गिरोह के मैंबर वाहन के अंदर नशा कर रहे थे जिस दौरान वाहन अनियंत्रित होकर यह हादसाग्रस्त हो गई। स्थानीय गाँव वासी मौके पर इकठ्ठा हुए और गिरोह के मैंबर डर के कारण अपना वाहन छोड़ कर वहाँ से भाग गए।
उन्होंने खुलासा किया कि गिरोह का एक मैंबर सुखदूल सिंह उर्फ सुखा निवासी गाँव दुनेके, मोगा जो एक ख़तरनाक और भगौड़ा अपराधी है, इस समय पर कनाडा में बसा हुआ है जिसने सतनाम सिंह निवासी लंडे, पुलिस थाना समालसर के पास से 25 लाख रुपए की फिरौती माँगी थी। हालाँकि, सतनाम सिंह ने उनकी कोई माँग नहीं मानी। इसलिए, गिरोह के सदस्यों ने उसे डराने के लिए उसकी स्विफट डिज़ायर कार (रजिस्ट्रेशन नंबर पीबी 29 -एक्स -8811) पर गोलियाँ चलाईं थी।
Monday, September 28
खटकड़ कलां के शहीद भगत सिंह मेमोरियल के रख-रखाव के लिए 50 लाख रुपए की घोषणा
अमरिंदर ने भारतीय आज़ादी के संघर्ष में भगत सिंह और दूसरे शहीदों के बहुमूल्य योगदान और साहसी भावना को याद करते हुये कहा कि नौजवानों को इन महान क्रांतिकारियों के उच्च विचारों पर चलना चाहिए।उन्होंने अंडेमान और निकोबार टापू की सेलुलर जेल के अपने दौरे को याद करते हुये कहा कि उस जेल में भारत को आज़ाद करवाने वाले अनेकों क्रांतिकारियों को बर्तानवी साम्राज्यवाद की तरफ से दी काले पानी की सजा के दौरान बहुत कष्ट बर्दाश्त करने पड़े।
शहीद भगत सिंह के समाधी स्थल पर श्रद्धांजलि भेंट करने के समय मुख्यमंत्री के साथ कुल हिंद कांग्रेस के जनरल सचिव और पंजाब मामलों के इंचार्ज हरीश रावत भी थे। इस मौके पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ और लोक सभा मैंबर परनीत कौर भी उपस्थित थे।पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों संबंधी मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने शहीद-ए-आज़म को श्रद्धांजलि भेंट करते हुये लोगों को इस धरती के बेटे महान शहीद के नक्शे-कदमों पर चलते हुए सीख लेने का न्योता दिया।
देश विरोधी कृषि कानूनों के खि़लाफ़ आंदोलन और कानूनी लड़ाई के साथ चलेंगे, अमरिन्दर
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह यह कभी भी नहीं चाहते कि पंजाब का नौजवान और किसान अपने जीने के अधिकार की लड़ाई लडऩे के लिए हथियार उठाएं। उन्होंने सावधान करते हुए कहा कि इन नए कानूनों से सरहदी राज्य पंजाब की सुरक्षा ख़तरे में पड़ेगी, क्योंकि पाकिस्तान की ख़ुफिय़ा एजेंसी आई.एस.आई. हमेशा ही गड़बड़ फैलाने के मौकों की ताक में रहती है।
अमरिन्दर ने कहा कि बीते समय में नासमझी के साथ घटी हिंसा में पंजाब की 35000 जानें आतंकवाद की भेंट चढ़ गई। उन्होंने कहा कि यदि किसानों के दरमियान बेचैनी अन्य राज्यों में भी फैल गई तो समूचा मुल्क आई.एस.आई. के ख़तरे अधीन आ जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की पि_ू ताकतें भारत में रोष पैदा करने के लिए पूरा ज़ोर लगाएंगी। पिछले महीनों में पंजाब में 150 आतंकवादियों को गिरफ़्तार करने और बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए जाने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह किसी को भी राज्य के शांतमई माहौल को भंग करने की इजाज़त नहीं देंगे, जो नए कृषि कानून ऐसा होने की संभावना पैदा करते हैं।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सचिव और पंजाब मामलों के इंचार्ज हरीश रावत जो यहाँ मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे, ने 2 अक्तूबर से शुरू होने वाली दस्तख़त मुहिम का ऐलान करते हुए कहा कि इससे नए कृषि कानूनों के विरुद्ध 2 करोड़ किसानों के दस्तख़त लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के दस्तख़तों वाले पत्र 14 नवंबर को भारत के राष्ट्रपति को सौंपे जाएंगे, जिस दिन इत्तेफ़ाकऩ पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म दिवस है। उन्होंने यह भी कहा कि इस लड़ाई को कानूनी निष्कर्ष पर ले जाने के लिए किसान सम्मेलन भी कराए जाएंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह को किसानों का रखवाला बताते हुए श्री रावत ने कहा कि किसान भाईचारा केंद्र के काले कानूनों के खि़लाफ़ लड़ाई में उनका नेतृत्व करने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह से उम्मीद रखता है। उन्होंने अकालियों पर तंज कसते हुए कहा कि अकाली लम्बा समय तक तो मूक दर्शक बन कर बैठे रहे और अब किसानों के हकों की लड़ाई का लाभ कमाने के लिए आ रहे हैं।
अड़ानी जैसे बड़े कॉर्पोरेटों को खुश करने के लिए पंजाबियों और पंजाब के किसानों के साथ सौतेली माँ वाला सुलूक किए जाने की सख़्त आलोचना करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘क्या अडानी गरीब भारतियों को सस्ता भोजन देगा?’’ उन्होंने कहा कि यह कानून पंजाब और यहाँ के किसानों को तबाह करने के अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए भी $खतरनाक साबित होंगे।
नए कानूनों को मुल्क के संघीय ढांचे पर डाका मारने वाला कदम बताते हुए मुख्यमंत्री ने इन कृषि बिलों के कानून बन जाने को पंजाब के लिए काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि जिस ढंग से पहले इनको अध्यादेशों के रास्ते लाया गया और फिर बिना कोई विचार-चर्चा किए संसद में जबरन पास किया जाना बहुत अफसोसजनक कार्यवाही है। उन्होंने कहा कि भाजपा और अकाली दल द्वारा फैलाए जा रहे झूठ के उलट हकीकत यह है कि पंजाब सरकार को यह अध्यादेश लाने संबंधी एक बार भी नहीं बताया गया।
पिछले कई महीनों से बिलों का बचाव करने के लिए अकालियों की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने फिर सवाल किया कि हरसिमरत बादल इस पूरे समय के दौरान क्या कर रहे थे और जब अध्यादेश लाए गए थे तो उसने मंत्री मंडल से इस्तीफ़ा क्यों नहीं दिया। उन्होंने अकालियों के किसानों के साथ खड़े होने के खोखले दावों को रद्द करते हुए कहा ‘‘अकालियों ने सर्वदलीय मीटिंग में हमारा विरोध क्यों किया? वह विधान सभा से क्यों भाग गए?’’ उन्होंने कहा कि यह दावे सिफऱ् पंजाब में सत्ता हथियाने के लिए हैं, परन्तु अब कोई भी उन पर भरोसा नहीं करता। उन्होंने आगे कहा कि शिरोमणि अकाली दल का एन.डी.ए. छोडऩे का फ़ैसला भी उनकी अपनी पार्टी के सदस्यों के विद्रोह का नतीजा था।
हरियाणा में नकद पुरस्कार एवं भीम पुरस्कार के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर,
खेल एवं युवा मामले विभाग के प्रवक्ता ने आज यहाँ बताया कि पहले विभाग द्वारा राज्य के उत्कृष्ट खिलाडिय़ों से खेल उपलब्धियों के आधार पर नकद पुरस्कार एवं भीम पुरस्कार के लिए 15 अगस्त 2020 तक अपने-अपने जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में आवेदन जमा करवाने को कहा गया था। परन्तु अनेक पात्र खिलाड़ी किसी कारणवश उक्त समय अवधि में आवेदन जमा नहीं कर पाये। इसी के दृष्टिगत राज्य सरकार ने नकद पुरस्कार एवं भीम पुरस्कार के आवेदन पत्र जमा करवाने की अंतिम तिथि 15 अक्तूबर 2020 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि अब इच्छुक खिलाड़ी 15 अक्तूबर 2020 तक अपने-अपने जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में आवेदन जमा करवा सकते हैं। आवेदन पत्र विभागीय वेबसाइट www.haryanasports.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं या किसी भी कार्य दिवस को कार्यालय से भी प्राप्त किया जा सकता है।
सैनिक सामान्य डियूटी भर्ती हेतु परीक्षा 1 नवंबर को
ऊना ,28 सितम्बर(3आईन्यूज़ ) हिमाचल प्रदेश के सैनिक सामान्य डियूटी की भर्ती हेतु जिला बिलासपुर, हमीरपुर व ऊना के चयनित उम्मीदवारों के लिए 28 जून को आयोजित होने वाली सामान्य प्रवेश परीक्षा को कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत स्थगित कर दी गई थी, जो अब 1 नवंबर को आयोजित की जा रही है।
यह जानकारी देते हुए निदेशक, सेना भर्ती कार्यालय हमीरपुर कर्नल एन सतीश कुमार ने बताया कि उक्त सामान्य प्रवेश परीक्षा संचालन के लिए परीक्षा स्थल एवं स्थान बारे आवेदकों को उनकी पंजीकृत ई-मेल आईडी पर सूचित किया जाएगा। उन्होंने आवेदकों का आह्वान किया है कि वे जेआईए की वेबसाइट में पंजीकृत अपनी ई-मेल आईडी की नियमित जांच करते रहें।
कर्नल एन सतीश कुमार ने बताया कि चयनित अभ्यार्थियों के मौजूदा रोल नंबर अब बदल दिए जाएंगे और नए रोल नंबर परीक्षा स्थल पर ही उपलब्ध करवाएं जाएंगे। उन्होंने बताया कि अभ्यार्थी परीक्षा स्थल पर प्रवेश हेतु अपने साथ पुराने एडमिट कार्ड आवश्य लाएं।कर्नल एन सतीश कुमार ने उम्मीदवारों से अपील की है कि कोविड-19 से बचाव हेतु सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करें और परीक्षा के दौरान मास्क, दस्ताने और सैनिटाइजर लाना अनिवार्य होगा। निर्देशों की अनुपालना न करने वाले अभ्यार्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए कार्यालय के दूरभाष नंबर 01972-222214 पर प्रात: 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक संपर्क किया जा सकता है।
चम्बा में परिवहन विभाग ने जारी किया ड्राइविंग टेस्ट का शैड्यूल
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ओंकार सिंह ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि लोगों की मांग पर ड्राइविंग टेस्ट बहाल किए जा रहे हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन सुनिश्चित बनाने के लिए जिले के13 विभिन्न स्थानों पर ड्राइविंग टेस्ट लिए जाएंगे ताकि ज्यादा भीड़ एकत्रित न हो । एक दिन में अधिकतम 60 चालकों के टेस्ट लिए जाएंगे अथवा अधिकतम संख्या का निर्धारण संबंधित आरएलए प्रबंधन करेगा। शैड्यूल के मुताबिक 13 व 27 अक्तूबर को आरएलए चम्बा के आवेदनकर्ताओं के लिए ड्राइविंग टेस्ट आयोजित किए जाएंगे। वहीं 15 व 29 अक्तूबर को आरटीओ कार्यालय चम्बा के आवेदनकर्ताओं और 12 व 26 अक्तूबर को आरएलए चुवाड़ी इसी तरह 5 व 20 अक्तूबर को आरएलए डलहौजी के आवेदनकर्ताओं के लिए बौंखरी मोड़ बनीखेत और 7 व 22 अक्तूबर को आरएलए तीसा के तहत टेस्ट की तिथि निर्धारित की गई है । उन्होंने बताया कि 6 व 21 अक्तूबर को आरएलए सलूणी और 16 अक्तूबर को आरएलए भरमौर के आवेदनकर्ताओं के ड्राइविंग टेस्ट लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान कोविड-19 से बचाव के लिए हर एहतियात सुनिश्चित की जाएगी। बिना मास्क व हैंड सैनिटाइजर के किसी को भी प्रवेश की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।
श्री सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार कोरोना काल के दौरान समाप्त हुए सभी ड्राइविंग लाइसेंस 31 दिसंबर 2020 तक वैध होंगे । इसलिए आवश्यक हो तभी ड्राइविंग टेस्ट देने पहुंचें और अनावश्यक रूप से भीड़ एकत्रित न करें। इसके अतिरिक्त ड्राइविंग टेस्ट देने वाले आवेदन करता टेस्ट की निर्धारित तिथि से पूर्व संबंधित कार्यालय में संपर्क करें ।
प्रदेश में 1,61,102 परिवारों को जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल उपलब्ध
शिमला ,28 सितम्बर(3आईन्यूज़ ) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन के लाभार्थियों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश के प्रत्येक घर में जुलाई, 2022 तक पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा ।
श्री ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3.5 लाख करोड़ रुपये के प्रावधान से 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन का शुभारंभ किया था, जिसका लक्ष्य देशभर के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को वर्ष 2024 तक नल द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1704231 परिवार हैं, जिनमंे से वर्ष 2019-20 के दौरान 1,61,102 परिवारों को पेयजल उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक विभिन्न कार्यक्रमों के तहत 11 लाख घरों को पेयजल उपलब्ध करवाया गया है, जबकि 6.25 लाख घरों को अभी भी जल उपलब्ध करवाना शेष है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 2,44,351 घरों को पेयजल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जल जीवन मिशन को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करने वाला देश का अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को समुद्रतल से 14 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित लाहौल-स्पीति के ताशिगंग गांव के प्रत्येक घर में नल द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत बेहतर गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध करवाने के अलावा सभी आंगनवाड़ियों और शैक्षणिक संस्थानों में पेयजल सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला लाहौल-स्पीति, जिला सोलन के विकासखंड कंडाघाट और जिला किन्नौर के पूह विकासखंड में शत् प्रतिशत परिवारों को इस मिशन के तहत कवर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर में 89 प्रतिशत घरों, जिला सोलन के 81 प्रतिशत परिवार, जिला बिलासपुर में 74 प्रतिशत, जिला हमीरपुर में 72, जिला मंडी में 67, जिला कांगड़ा में 62, जिला शिमला व कुल्लू में 50 प्रतिशत और जिला चंबा में 45 प्रतिशत घरों को कवर किया गया है।
उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग ने कोविड-19 महामारी के दौरान भी प्रभावी ढंग से कार्य किये, जिससे निर्धारित लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने में सहायता मिली है।उन्होंने राज्य के सभी 12 जिलों के लाभार्थियों से बातचीत की। लाभार्थियों नेे सभी ग्रामीण परिवारों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए विभाग की कार्यप्रणाली पर रूचि दिखाने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि हिमाचल प्रदेश वर्ष 2022 के मध्य तक पेयजल उपलब्ध करवाने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। सचिव जल शक्ति विभाग अमिताभ अवस्थी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियन्ता नवीन पुरी ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।झण्डूता के विधायक जीतराम कटवाल शिमला तथा जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियन्ता व अधीक्षण अभियन्ता सम्बन्धित जिलों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।